Tuesday, June 16, 2020

माँ की दुआ - इंसानियत की ख़िदमत

योद्धा सिर्फ वो नहीं जिनके बाजूओं में दम हो, योद्धा वो है जिनके हौसलों में दम हो - इसी हौसलों की दलील महाराष्ट्र के मुंब्रा शहर स्थित प्रसिद्ध सामाजिक संस्था, नूरी एजुकेशनल एंड वेलफेयर ट्रस्ट के कार्यकर्ताओं में देखने को मिली। मौजुदा विश्वव्यापी महामारी का तांडव पूरी दुनियां देख और भुगत रही है। लॉकडाउन का कड़वा और दुःखदायी अनुभव इंसान की ज़िंदगी को झिंझोड़ कर रख दिया है, हर एक कि कहानी आँखों को नम और दिल को हिला देने वाली है। कोई बीमारी से तो कोई भूख से जान गवां रहा है। ग़रीब और मध्यम वर्गीय तबक़ा कोई मसीहा की मिन्नतें करता हुआ नज़र आ रहा था जो इनकी मदद कर सके।

ऐसी भयावह परिस्थितियों में दर्द को पीनेवाला और दूसरों के लिए जीनेवाला मेमन मुजाहीदे मर्द - जनाब हाजी अनीस मजीद भूरा (बरकाती) ख़ुद की तबियत को नज़रअंदाज़ करते हुए लोगों कि ख़िदमत करना अपना मानवीय कर्तव्य समझकर एक योद्धा के मानिंद दिन-रात लगे रहे। गरीबों की झुग्गी झोपड़ियों में जाकर अनाज़ और दवाईयां पहुंचाई, कोरोना संक्रमितों की घर घर जाकर बेख़ौफ़ मदद करने का जुनून उनमें देखा गया। उनका जज़्बा सिर्फ किसी की दुआ लेने का था।

कहते हैं ना सच्चे हीरे की पहचान सिर्फ माना हुआ जौहरी ही कर सकता है - नूरी ब्रदर्स की नज़र और परख नें हाजी अनीस भूरा को गणमान्य हस्तियों की मौजूदगी में सम्मानित करते हुए "कोरोना वॉरियर" का प्रमाण-पत्र दिया। 

MY MEMONS - a social network worldwide इस मानवीय भरे प्रसंशनीय कृत के लिए जनाब हाजी अनीस मजीद भूरा साहब को ढ़ेर सारी दुआओं के साथ मुबारकबाद पेश करती है।

Thank you with applauds NOORI BROTHERS.

- Report by: Awesh Bhorgamdawala

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