Wednesday, June 12, 2019

उपलेटा मेमन जमात बॉम्बे - खुशियों की सौगात बिखेरते हुए मनाया ‘ईद-मिलन’



उपलेटा मेमन जमात बॉम्बे
खुशियों की सौगात बिखेरते हुए मनाया ‘ईद-मिलन’

सांप्रदायिक सौहार्द एवं आपसी सद्भावना का प्रतीक है ईद का पर्व, देश की सांस्कृतिक विविधताओं को एकता में पिरोती नज़र आती है ईद - ऐसे में विश्वविख्यात परोपकारिता की प्रतिबिम्ब, मुंबई स्थित सामाजिक संस्था “उपलेटा मेमन जमात बॉम्बे” भला कैसे पीछे रह सकती है इस खुबसूरत पैग़ाम-ए-ईद को आम करने में।

सदर ए मोहतरम ‘उपलेटा रतन’ आली जनाब अब्दुल लतीफ़ आदम हाकम साहब की सदारत में खुशियों का सैलाब नज़र आया रविवार दिनांक ९ जून २०१९ को उपलेटा मेमन जमात बॉम्बे  के वातानुकूलित, सुसज्जित आदम हाकम हॉल में। ईद-मिलन समारोह का आगमन इस बात का सूचक था कि अब चारों तरफ खुशियों का सुवास फैलने वाला है, जो मनुष्य के जीवन को आनंद और उल्लास से आप्लावित कर देगा। ईद लोगों में बेपनाह खुशियां बांटती है और आपसी मोहब्बत का पैगाम देती है। 'ईद' का मतलब है एक ऐसी खुशी, जो बार-बार हमारे जीवन में आती है। यह खुशी वह मानसिक स्थिति है, जो किसी संयोग श्रृंगार के फलस्वरूप मनुष्य को प्राप्त होती है। इस खुशियों की सुनहरी सुबह का सभी को बेसब्री से इंतज़ार था, हर एक जमात का सदस्य एक दुसरे को ईद की मुबारकबाद देने को तत्पर नज़र आ रहा था।

अल्हम्दुलिल्लाह! ईद-मिलन कार्यक्रम का आगाज़ तिलावते क़ुरान और दरूद शरीफ का नज़राना ए अक़ीदत पेश करते हुए आगे बढ़ा। जनाब हाजी वाहिद उस्मान जलियावाला साहब ने बेहतरीन अंदाज़ में इसे पेश किया और कुलमोमिनात की हिफ़ाज़त और बेहतरी की दुआ की। ईद-मिलन कार्यक्रम का संचालन डॉक्टर आसिफ करीम पोची साहब ने बखूबी और खुबसूरत अंदाज़ में किया। मंच पर विराजित जनाब लतीफ़ आदम हाकम साहब, जनाब रज्ज़ाक मूसा खंडा साहब, जनाब अनीस मजीद चाचिया साहब, जनाब सालेह खत्ता साहब, जनाब हाजी वाहिद जलियावाला साहब, जनाब मुस्ताख लिलाखेवाला साहब नज़र आये जिन्होंने तमाम हाजरीन को ईद की मुबारकबादी और दुआओं से नवाज़ा।

एक के बाद एक सदस्य को आमंत्रित किया गया अपने इज़हारे ख़यालात पेश करने के लिए, जनाब हाजी अनीस मजीद भूरा साहब ने ईद की बधाई के साथ जमात की कार्यकारिणी को और उन्नत और पारिदार्शिक करने हेतु तमाम जमात के सदस्यों का सार्वजानिक विश्लेषण (सर्वे) करने के लिए आधिकारिक रूप से इज़ाज़त मांगी ताकि एक ठोस ‘डाटाबेस’ (Database) जमात के अधीन हो और हर वर्ग के लोगों का उत्थान हो, जनाब अवेश गफ्फार भोरगामड़ावाला के सहयोग से इस सामाजिक कार्य को अंजाम देने की मनसा जहीर की और इस प्रायोगिक परियोजना (Pilot Project) को प्रथम मुंब्रा शहर से शुरू करने की मांग की। जमात के माननीय सचिव जनाब अनीस चाचिया साहब ने इस परियोजना की सराहना करते हुए जमात की तरफ से पूरा सहयोग और अधिकारिक रूप से इज़ाज़त देते हुए कहा की जनाब अनीस भूरा भा और जनाब अवेश भोरगामड़ावाला भा को इस कार्य के लिए जमात का प्राधिकार पत्र (Authority Letter) जल्द ही सौपा जायेगा और तमाम मौजूदा सदस्यों को इस अहम् सर्वे के कार्य में पूर्ण रूप से सहयोग और मदद देने की गुज़ारिश भी की।

सदर-ए-मोहतरम जनाब लतीफ़ आदम हाकम साहब ने बच्चों सहित तमाम सदस्यों को ईद उल फ़ित्र की ढेर सारी बधाई देते हुए अपने भाषण में १९५९ से अब तक उन तमाम निःस्वार्थ सामाजिक जनहितैषीयों का नाम लेकर याद किया और कहा की ये ईद-मिलन का समारोह उन्ही की देन हैं। भरपूर दुआओं के साथ उनके कार्यशैली का संखिप्त ब्यौरा जमात के सदस्यों के सामने रखा। सभी ने नम आँखों से उनको गौर से सुना और याद किया। सदर साहब ने कहा की अब कोई भी परिवार किसी भी सहयोग से वंचित नहीं रहेगा, न ही मोहताज़ भरी ज़िन्दगी का सामना करेगा, उन्हें आत्मनिर्भर बनाने के लिए हम यथासंभव प्रयास करने के लिए पीछे नहीं हटेंगे। हम ‘मदद’ नहीं; ‘समर्थन-सहयोग’ देंगे। जमात की कार्यकारिणी के लिए नयी दिशा और नीति के तरफ अग्रसर होंगे इंशाअल्लाह! पूरा आदम हाकम हॉल तालियों की गड़गड़ाहट से गूंज उठा और हर एक चेहरे पर मुस्कुराहट देखने को मिली।

हरदिल अज़ीज़ सहसचिव जनाब रज्ज़ाक मूसा खांडा साहब ने भी लोगों को ईद की मुबारकबाद देते हुए कहा की सभी सदस्यों और उनके परिवारों को जमात के हर कार्य में आगे बढ़ चढ़ कर हिस्सा लेना चाहिए और आने वाले दिनों में बच्चों को ‘सामाजिक विरासत’ देने हेतु फिक्रमंद होना चाहिए। अगली पीढ़ी हमारी सख्सियत को बरकरार रखना चाहिए और हमारे पूर्वजों की निःसेवा को कभी नहीं भूलना चाहिये। उनके भावुकभरे वाक्य सभी के दिलों को छु लिया। 

कार्यकारिणी समिति के सक्रीय सदस्य जनाब अवेश गफ्फार भोरगामड़ावाला ने ईद उल फ़ित्र की पुरखुलुश मुबारक़बाद पेश करते हुए तमाम हाजरीन मेहमान और सदस्यों को जमात की सठिक परिभाषा और अहमियत बताई और कहा की जमात का मतलब ओहदों की नूमाईस नहीं, बड़ी बड़ी सोशल मीडिया पर तश्वीरें चलाना नहीं, इनाम वितरण नहीं और ना ही बड़ी ईमारत में जमात की ऑफिस, बल्कि किसी ख़ास मुद्दे पर खुलूस ए लिल्लाहियत के लिए जमा होना ही ‘जमात’ है। मस्जिदों में हम जमा होते हैं तो जमात होती है और वो जमात एक ही मक़सद के लिए होती है और वो है अल्लाह और उसके महबूब को राज़ी करना। सामाजिक संस्थाओं में जमा होने का मक़सद निःस्वार्थ रूप से अपने भाईयों के मदद करके आख़िरत का राश्ता बनाने के लिए मेहनत करना, येही ‘जमा’ होना ही ‘जमात’ का इजात करती है। अब ज़रा ग़ौर करो की हमारी जमात कितनी बड़ी है और नेक काम के लिए कितने लोग जमा होते हैं। हर संस्था में लफ्ज़ ए जमात हटा दिया जाये तो क्या मायने रह जायेगा? जैसे, उपलेटा मेमन? धोराजी मेमन? वैगेरह वगैरह... इसलिए मेरे मोहतरम अजीजों नेक कामो में ज्यादा से ज्यादा ‘जमा’ हो जाओ तभी ‘जमात’ की परिभाषा पूर्ण होगी और हम फक्र से कहेंगे फला-फला मेमन जमात।

 जनाब सरफ़राज़ रफ़ीक नाथानी (चार्टेड अकाउंटेंट) ने इस बात हो अंगीकार करते हुए सहराया और जनाब अवेश भा से कहा कि जमात की सही परिभाषा आज सुनाने को मिली।

जनाब डॉक्टर आसिफ़ करीम पोची साहब ने अपने वक्तव्य में सदर साहब और तमाम हाजरीन का ध्यान केन्द्रित करते हुए मुंब्रा शहर के लिए डैलासिस सेंटर कायम करने का सुझाव दिया और कहा इससे बहोत सारे मेमन और ग़ैर-मेमनों का फायदा होगा और उन्हें परेशानी से राहत मिलेगी। उपलेटा मेमन जमात बॉम्बे और जमाते मुस्लेमीन ट्रस्ट के समन्वय से ये काम को अंजाम दिया जा सकता है और डॉक्टर पोची का इस कार्य में पूरी तरह से साथ रहेगा।

उपरांत ईद की बधाई का सिलसिला एक पश्चात एक सदस्यों ने देना शुरू कर दिया, जनाब हाजी आबेदीन मोहम्मद दल्ला साहब, जनाब हाजी अख्तर नव्गोद्रिया साहब, जनाब हाजी युनुस दलाल साहब, जनाब शकील रज्ज़ाक खांडा साहब, जनाब हाजी इब्राहीम खांडा साहब, जनाब हाजी रफ़ीक घांची साहब, जनाब अशरफ नेक साहब, जनाब असलम इस्माइल माला साहब सहित अन्य सदस्यों ने अपनी ख़ुशी का इज़हार किया। संबंधियों और मित्रों के अलावा अजनबी लोगों से मिलना भी मन को आनंदित करता है, जो धीरे-धीरे बढ़कर प्रेम का रूप धारण कर लेता है। 

जिंदगी जब सारी खुशियों को स्वयं में समेटकर प्रस्तुति का बहाना मांगती है, तब ईद जैसा त्योहार आता है। बच्चों को ईदी के तौर पर खिलोने और तोहफ़े तकसीम किये गए। बेहतरीन स्वादिष्ट पकवान और ड्राईफ्रूट आइसक्रीम का भरपूर ज़ायका लेते हुए उपलेटा मेमन जमात बॉम्बे का ईद-मिलन समारोह का समापन हुआ।
-       संवाददाता: अवेश भोरगामड़ावाला, मुंबई





No comments:

Post a Comment